अमेरिकन बहु – bedtime stories | kahani | fairy tales | moral stories | story time | hindi stories 2023

अमेरिकन बहु – bedtime stories | kahani | fairy tales | moral stories | story time | hindi stories 2023

अरे जीते रहो और बताओ सफर कैसा रहा सफर तो बहुत अच्छा था मैं अच्छा ठीक है अब तुम दोनों अपने कमरे में जाकर आराम कर लो काफी थक गए होंगे मैं तुम्हारे लिए कुछ चाय नाश्ते का इंतजाम करती हूं कमरे में पहुंचने के बाद चांदनी अपने पति रमेश से कहती है अरे बाप रे यहां तो कितनी गर्मी है सच में पता नहीं इंडिया के लोग कैसे रहते हैं

अरे अरे तुम चिंता मत करो कुछ दिनों में यहां रहने की आदत पड़ जाएगी अगले दिन सुबह सुबह से मां अपने बहुत चांदनी से कहती है अरे बहू मैं और तेरे बाबूजी तेरे हाथ का बना नाश्ता करेंगे जा फटाफट रसोई घर में जाकर कुछ बढ़िया सा बना कर ले तभी चांदनी मुंह बनाते हुए कहती है है रे माझी अपने घर में कोई नौकर नहीं है क्या काम करने के लिए यह सुनकर शीला मुस्कुराती हो भाषा पीछे करें कर देती है हारे बहू इतना छोटा सा तो परिवार हमारा भला हमें नौकर की जरूरत क्या है अब अब क्या बताऊं मैं जी मुझे खाना बनाने की आदत नहीं है अमेरिका में तो हम ज्यादातर खाना रेस्टोरेंट से ही मंगा लेते हैं

अच्छा अच्छा कोई बात नहीं मैं ही नाश्ता बना लेती हूं इतना कहकर सिला किचन में चली जाती है तभी रमेश के पिताजी से ला से कहते हैं अरे भाग्यवान है क्या आज तो अपने बहुत से बना नाश्ता खाना चाहते थे सेला अपने रुक देखिए अजी हमारे बाहो बहुत टाइम से अमेरिका में रहती आई है इसीलिए घर के खाना घर का काम करने की आदत नहीं है और वैसे भी इस घर का सारा काम में तो करते आई हूं आगे भी कर लूंगी मेरी बहू खुश रहे बस मुझे और कुछ नहीं चाहिए वाह मान गए तुम्हें सास हो तो तुम्हारी जैसी अच्छा ना अब जल्दी से नाश्ता 10 बड़ी भूख लगी है हां हां अभी देती हूं जी इस तरह कुछ दिन बीत जाते हैं

1 दिन सुबह-सुबह शीला अपनी बहू को बेटे को उठाने के लिए उनके कमरे में जाती है अरे उठो सुबह हो गई बाबू फटाफट नहा धोकर तैयार हो जा हमें मंदिर जाना है अपनी सास की बात सुनकर चांदनी अपनी सास से कहती है है रे माझी आज तो संडे है इतनी सुबह सुबह मैं कहीं नहीं जाने वाली हूं मैं तो अपने कमरे में आराम करूंगी आपको जाना है तो आप चले जाइए तभी रमेश कहता है अरे चांदनी तुम्हें मां के साथ मंदिर चले जाना चाहिए देखिए जी मुझे क्या करना है और क्या नहीं आप मुझे नहीं बताया करिए मैं इन फिजूल की चीजें में वक्त बर्बाद नहीं करते अब आप जाइए माजी मुझे आराम करना है तभी शीला कहती है अरे रमेश बेटा बहू नहीं जाना चाहती है तो कोई बात नहीं क्यों उससे जोरदार रहे हो अच्छा ठीक है तुम दोनों आराम करो मैं मंदिर होकर आती हूं और हां तुम दोनों के लिए चाय नाश्ता किचन में रखा है

इतना कहकर शीला मंदिर जाने के लिए जाती है कुछ दिनों के बाद माहौल के सभी औरतें शीला के घर में उसके बहू को देखने के लिए आती है अरे शीला हम सब औरतें तेरे बाहों से मिलने आए हैं जरा अपने बहू को तो बुलाओ शीला बहू को आवाज देती है और तभी कमरे से चांदनी निकाल आती है अरे बहू कैसी हो क्या नाम है तुम्हारा जी चांदनी बड़ा अच्छा नाम है अच्छा कहां तक पढ़ी हो जी मैं ग्रेजुएट हूं अच्छे हो खाने में क्या-क्या बना लेती हो इस तरह और तो कुछ सवाल सुनकर चांदनी को बड़ा गुस्सा आता है और वह चिड़कर उन सभी से कहती है अरे आप लोग क्या मेरा इंटरव्यू लेने आई हो आप लोग मुझे नौकरी देने वाली है जो इस तरह के बेकार सवाल मुझसे पूछ रही है कितना पढ़ी लिखी हो नाम क्या है खाना बना लेती हो कि नहीं आप लोगों को कोई और काम नहीं है मामा जी मां जी आप लोगों से बात करिए मैं चली अपने कमरे में चांदनी नाराज हो कर चली जाती है उसके जाते ही मां जी कहती हैं अरे शीला तेरी बहुत बड़ी नक्सली है

4 दिन मेरी काम में रहकर क्या आई है इसकी तो पर ही निकल आए हैं इससे तो लोगों से तमीज से बात करना भी नहीं आता हां मालती बहन एक बार बात तो तुमने सही कही है भला हमारी बहू की तो इतनी मत है वह इस तरह जवाब दें सच में शीला भगवान जाने आगे तेरा क्या होगा इसकी चिंता तुम लोग मत करो जो होगा अच्छा ही होगा अरे मेरी बहू इतने सालों से अमेरिका में रहती आई है इसलिए इन सब चीजों का आदत नहीं है धीरे सब सीख जाएगी और वैसे भी जैसी है मेरी बहू है और मुझे अपने बहुत से कोई तकलीफ नहीं है विमला सोफे से उठते हुए कहती है जैसी तुम्हारी मर्जी अच्छा अब हम लोगों को चलना चलो बहनों इतना कहकर विमला बाकी औरतों को लेकर चली जाती है उनके जाते ही हूं बड़ी आई बहू की बुराई करने ऐसी औरतों को खूब जानती हूं ऐ मेरे बहुत से मिलने नहीं बल्कि हम साथ बहू के बीच में आग लगाने आई थी इस तरह शीला कि अपने बाबू के प्रति प्रेम दिन पर दिन बढ़ता ही चला जाता है

फिर एक दिन कैसी है पारुल बड़े दिनों के बाद मेरी याद आई अरे ऐसी कोई बात नहीं है तुझे बताने के लिए फोन किया है कि अपने शहर में फैशन डिजाइनर के इंस्टिट्यूट खोला है मैं उस में एडमिशन ले ले रही हूं तू भी मेरे साथ एडमिशन ले ले अरे बा फैशन डिजाइनर का कोर्स तो मैं कब से करना चाहती थी तुमने तो बड़ी अच्छी खबर दी है मैं आज ही इस बारे में अपने पति से बात करके तुझे बताती हूं चल फोन रखती हूं बाय अगले दिन सुनिए जी हमारे शहर में फैशन डिजाइनर का एक बहुत बड़ा इंस्टिट्यूट खुला है

मुझे वहां एडमिशन लेना है ऑफिस का इंतजाम कर दीजिए ना हरे तुम तो अच्छी तरह जानती हो कि हम अभी अभी इंडिया में शिफ्ट हुए हैं सारे खर्चे तुम्हारे सामने हुए सामने अभी मेरे पास बिल्कुल पैसे नहीं है हां कुछ महीने के बाद में जरूर इंतजाम कर दूंगा बाप रे तब तक तो बहुत देर हो जाएगी फिर तो मेरा ही साल पूरा बर्बाद हो जाएगा मुझे अगले साल में एडमिशन लेना पड़ेगा पैसे का काम तो पैसा ही करता है जो अभी हमारे पास है नहीं खैर कोई बात नहीं अभी मैं ऑफिस जा रहा हूं शाम को तुम्हें घुमाने ले जाऊंगा तुम्हारा मूड भी फ्रेश हो जाएगा अपना बैग लेकर रमेश ऑफिस के लिए निकल जाता है

हेलो पिताजी मुझे कुछ पैसों की सख्त जरूरत है कि आप मुझे कल पैसे भेज सकते हैं अरे बेटा तू तो अच्छी तरह जानती है कि हम खेती-बाड़ी कर ले लोग हैं पिछले महीने तेरी मां की दवाई में बहुत पैसे खर्च हुए दो-तीन महीने के बाद है तुम्हें पैसे भेज दूंगी हां बेटा चांदनी समझ जाती है उसके पिताजी के पास अभी पैसे नहीं है फोन रख देती है इस तरह एडमिशन ले पाने के कारण चांदनी उदास होने लगती है कुछ दिन भी जाते हैं फिर एक सुबह अरे बहू जरा यहां तो आना चांदनी कमरे से बाहर आते हैं जी कहिए माजी कुछ काम है क्या बताइए मैं कर दूंगी हां हां बहुत जरूरी काम है

जरा मेरा एक फॉर्म तो भर दे जाने अपने साथ के हाथ से सोम लेती है उसे देखकर चेहरा खुशी से खिल उठा है अरे माझी अरे तो फैशन डिजाइनर इंस्टीट्यूट का एडमिशन फॉर्म है एडमिशन लेना चाहते थे ना होने के कारण मैं नहीं ले पाए आप मेरे लिए लेकर आए हैं हां बहू और इतना ही नहीं मैंने तो एडमिशन भी कर दिया है सारे पैसे जमा कर दिए हैं बस एक फॉर्म भर दे अपने सास को उदारता देखकर चांदनी को आंखों में आंसू आ जाते हैं और वह सांस की गले लग जाती है मेरे होते हुए तुझे किसी चीज का चिंतन करने की जरूरत नहीं है मैं तेरे पास नहीं हूं पगली

एक कविता हर मां के लिए: घुटनों से रेंगते रेंगते,कब पैरों पर खड़ा हुआ,तेरी ममता की छांव में,जाने कब बड़ा हुआ,काला टीका दूध मलाई,आज भी सब कुछ वैसा है/ मैं ही मैं हूं मैं हूं हर जगह,प्यार ये तेरा कैसा है,सीधा साधा भोला भाला,मैं ही सबसे अच्छा हूं,कितना भी हो जाऊं बड़ा,”मां” मैं आज भी तेरा बच्चा हूं/

 

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